अभ्रक || ABHRAK || MICA || MAHARAS VARG || RASSHASTRA
अभ्रक [ mica ]
- Sanskrit - अभ्रकं
- English – Mica
- Hindi – अभ्रक
- Specific Density – 3
इतिहास [ History ]
1.कौटिल्य अर्थशास्त्र – सर्वप्रथम [ वज्राभ्रक ]
2.गौतम न्यायदर्शन – कांच, अभ्रक, स्फटिक
3.अमरकोश - गिरिजा मल
4.रस शास्त्र – गौरीतेज़ [पारद को शक्ति संपन्न]
5.चिकित्सा अर्थ – सर्वप्रथम प्रयोग [ अष्टांग हृदय – कासी
अभ्रक के पर्याय
अभ्रकं गगनं भृंगमभ्रं खं व्योमनामकम् |
वज्रं घन: च गिरिजं बहुपत्रम अनन्तकम् ||
- गौरितेज़
- वज्र
- आकाश
- गगन
- व्योम
- बहुपत्र
प्राप्ति स्थान [ Sources ]
- Rajasthan – Ajmer and Bhilwara
- Tamilnadu – Nellore and Salam
- Punjab – Noorpur
- Uttar Pradesh – Almora
- Jharkhand ( Bihar ) - Hazari Bag and in Girideeh district ( गिरिडीह जिले की ‘ कोडरमा ’ की अभ्रक खान विश्व प्रसिध्द है| )
- यह टेढ़े – मेढ़े विभिन्न आकार के बड़े बड़े ढेलों के रूप में खान से मिट्टी पत्थर मिश्रित प्राप्त होता है |
आधुनिक दृष्टि से वर्णन
- Abhrak is called double silicate off aluminium and potassium or sodium.
- आधुनिक दृष्टि से इसको दो भेदों में बांटा गया है|
- अल्कली माइका (Alkali mica)
- फेरोमेग्नेशियम माइका (Ferro magnesium mica)
- Muscovite – श्वेत अभ्रक
- Paragonite – श्वेत अभ्रक
- Phlogopite – रक्त अभ्रक
- Lepidolite – पीत अभ्रक
- *Biotite – कृष्ण अभ्रक*
अभ्रक के भेद (Types of Abhrak)
पिनाकं नागमण्डुकं वज्रमित्यभ्रकं मतम् |
श्वेतादिवर्णभेदेन प्रत्येकं तच्चतुर्विधम् || (र. र. स. २/३)
- पिनाक
- नाग
- मण्डुक
- वज्र
वर्ण के अनुसार
- श्वेत वर्ण
- रक्त वर्ण
- कृष्ण वर्ण
- पीत वर्ण
- अग्नि से तप्त करने पर स सूक्ष्म पत्र आसानी से अलग-अलग हो जाते है।
- सेवन करने से मनुष्य की मृत्यु हो जाती है|
- तप्त करने पर सर्प की प्रकार फुत्त्कार शब्द उत्पन्न होता है।
- सेवन करने से मण्डलादि कुष्ठ रोग हो जाता है।
- तप्त करने से मेंढक की तरह उछलकर बाहर हो जाता है।
- सेवन से अश्मरी रोग उत्पन्न होता है।
- तप्त करने से सभी विकृतियों से रहित निश्चल बना रहता है|
- सेवन करने से देहसिध्दि एवं लोहसिध्दि प्राप्त होती है।
- सम्पूर्ण रोगनाशक एवं सर्वश्रेष्ठ होता है।
- श्वेत वर्ण – श्वेत कर्म
- रक्त वर्ण – रक्त कर्म
- पीत वर्ण – पीत कर्म
- कृष्ण वर्ण – रसायन कर्म ( सर्वश्रेष्ठ )
- चिकना
- मोटे दलवाला
- उत्तम वर्ण से युक्त
- भार युक्त
- आसानी से पत्र अलग हो जाये
- By Nirvapa process,..
- Take Vajra abhraka & make it red-hot by fire, then immerse it in either kanji/ go mutra/ go dughda/triphala kashaya for 7times. { RRS-2/16-17}
- शुध्द अभ्रक = 1 भाग
- शालि धान्य = ¼ भाग
- पोटली बना के
- कांजी / जल = 3 रात्रि
- मर्दन कर
- सुखा लेना है
- बल्य
- नेत्रवर्धक
- बुध्दिवर्धक
- स्तन्यजनन
- उत्तम रसायन
- केश्य
- दीपन
- रूचिकारक
- Varnya
- Ruchikara
- Deepana
- Pachana
- Tridoshaghna
- Rasayana
- Bala-Medo-Dugdha vardhaka
- Vajikarana
- १-२ रत्ती
- मधु
- घृत
- मक्खन
- फलस्वरस आदि
- आरोग्यवर्धिनी वटी
- पंचामृत पर्पटी
- गगन पर्पटी
- पूर्णचन्द्र रस
- योगेन्द्र रस
☠️ Important notice :- Please Use Chrome browser to open these link ☠️
Click link below to watch video lecture :-
Part 1
https://youtu.be/78D81sszF_w
Part 2
https://youtu.be/kvA1xeZow3U
Part 3
https://youtu.be/lZK1ocdJh1U
https://youtu.be/78D81sszF_w
Part 2
https://youtu.be/kvA1xeZow3U
Part 3
https://youtu.be/lZK1ocdJh1U
🙏 Subscribe our youtube channel 🙏
👉BAMS GYAN👈
https://www.youtube.com/channel/UClwDB1ri_JgRAVbFEgAXweQ?app=desktop
🙏Join BAMS GYAN WhatsApp Group🙏
https://chat.whatsapp.com/BiCYZrPYGda9I0GFOunw37
🙏 Follow us on Instagram 🙏
https://www.instagram.com/bamsgyan/
🙏 Join our telegram channel 👈
https://t.me/bamsgyan
👉BAMS GYAN👈
https://www.youtube.com/channel/UClwDB1ri_JgRAVbFEgAXweQ?app=desktop
🙏Join BAMS GYAN WhatsApp Group🙏
https://chat.whatsapp.com/BiCYZrPYGda9I0GFOunw37
🙏 Follow us on Instagram 🙏
https://www.instagram.com/bamsgyan/
🙏 Join our telegram channel 👈
https://t.me/bamsgyan
Comments
Post a Comment